Friday, March 2, 2018

श्रीसद्गुरुजयेन्द्रसरस्वतीस्तोत्रम्

---------- Forwarded message ----------
From: Jayaraman M <jramanm>
Date: 2018-03-02 5:08 GMT+05:30
Subject: {भारतीयविद्वत्परिषत्} Versified Homage to Pujya Shri Jayendra Sarasvati Svaminah
To: भारतीयविद्वत्परिषत् <bvparishat>

Namaste

॥श्रीसद्गुरुजयेन्द्रसरस्वतीस्तोत्रम् ॥

पूर्वापूर्वबलाद् येन चन्द्रशेखरसद्गुरोः।
जिता पूर्णा कृपा तस्मै जयेन्द्रगुरवे नमः॥१॥

प्रत्याहारदिभिर्येन मनइन्द्रियसंहतिः।
निर्जिता निखिला तस्मै जयेन्द्रगुरवे नमः॥२॥

येनानुग्रहवर्षाभिः भक्तजातं कृपालुना।
निर्जितं निखिलं तस्मै  जयेन्द्रगुरवे नमः॥३॥

सत्यनिष्ठतया येन दुष्टशासकदुर्मतिः।
पराजिता भृशं तस्मै  जयेन्द्रगुरवे नमः॥४॥

इहलोको जितो येन सद्यो मोक्षपुरी शुभा।
विजिता शाश्वती तस्मै  जयेन्द्रगुरवे नमः॥५॥

जयेन्द्रसद्गुरोः स्तोत्रं जयरामेण यत्कृतम्।
इहामुत्रजयाकाङ्क्षी पठन्नित्यं जयी भवेत्॥

॥इति हेमलम्बनामसंवत्सरे उत्तरायणे शिशिरर्तौ कुम्भमासे शुक्लपक्षे पूर्णिमायां श्रीमद्वसन्तामहादेवसूनुना रचितं श्रीसद्गुरुजयेन्द्रसरस्वतीस्तोत्रं सम्पूर्णम्॥

Tamil and English Translations of these verses can be read here - http://alarka-bhasitam.blogspot.in/2018/03/hymn-on-his-holiness-sri-jayendra.html

regards
Jayaraman
http://alarka-bhasitam.blogspot.in/
https://independent.academia.edu/jayaramanMahadevan
http://yoga-literary-research.blogspot.in/2015/10/the-books.html

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